How to build a great India in Hindi - हिंदी में

How to build a great India in Hindi 

अर्थात एक महान भारत की निर्माण कैसे की जाए? 

किसी भी देश की महानता उसके रिशोर्सेस से नहीं और नाही वहाँ मौजूद बड़ी-बड़ी मीनारों से होती है बल्कि उस राष्ट्र में रहने वालों का आचरण कैसा है ये सबसे अहम चीज है जो मायने रखती है।

इसका सबसे प्रबल उदाहरण जापान है जो अमेरिका , रशिया से बेशक पीछे है लेकिन उसके पासपोर्ट को हर एक देश में अधिक सम्मान जनक दृष्टि से देखी जाती है क्यों कि वहाँ के लोगों की आचरण बेहतर है।

मुख्य चीजें जो भारत को आगे बढ़ने से रोकती है।

1- करप्शन

2- जन स्वाभाव 

3- रोजगार

ये जिन तीन चीजों को मैंने लिखा है ये अलग बिल्कुल नहीं है , तीनों एक दूसरे के अभिन्न अंग है जिनमें से किसी को भी सुधारा जाए तो बदलाव तीनों में होगा।


Corruption in India- 

2020 में corruption perception indiex में जारी एक सर्वे के मुताबिक भारत 180 में से करप्शन के मामले में 86 वें स्थान पर आया है। अंदाजा लगाइये की इस स्थिति में भारत किस ओर जाएगा? 

ये जरूर सोचा जाएगा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? तो उत्तर हम सबों को पता है कि सभी , सभी के सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं चाहे वो जनता हो या अधिकारी। जहाँ अधिकारी किसी भी काम को करने से पहले उसकी कीमत लगा देते हैं वहीं जनता भी "पहले मेरा" की नीति पर चलते हुए लेन देन करके लाइन में लगे कई लोगों को पीछे छोड़ आगे निकल आते हैं।

कुछ लोगों के आगे निकल आने की मानसकिता के कारण हमारा राष्ट्र कहीं अधिक पीछे होता चला जा रहा है। 

लेकिन ऐसा कहकर की इसमें सबकी गलती है हम पल्ला नहीं झाड़ सकते , जनता अगर पैसे देती है तो उसे पैसे देने का शौक तो बिल्कुल नहीं होता लेकिन मजबूरी में देनी पड़ती है ताकि काम हो जाए , हाँ इसमें कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें किसी भी चीज के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी होती और वो घूस देने में संलिप्त हो जाते हैं।

सोचिये सरकार की भूमिका इस करप्शन को खत्म करने के लिए कितनी शिद्दत से काम कर रही है ? जवाब में आपको शून्य मिलेगा क्यों कि बड़े भरस्टाचार में स्वयं सरकार एवं उसके सारे अंग संलिप्त होते हैं और छोटे छोटे भरस्टाचार को रोकने से पहले बड़े पर शिकंजा कसना जरूरी है।

हालांकि अभी भरस्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और इंडियन पैनल कोड 1860 कार्यशील है लेकिन कारगर बिल्कुल नहीं मालूम पड़ता वजह ये नहीं है कि कानून कमजोर है बल्कि वजह ये है कि कानून के पालन करने वाले स्वयं इसमें संलिप्त है।

करप्शन हर जगह नाकारात्मक प्रभाव डालती है लेकिन मुख्य रूप से प्रशासनिक व्यवस्था में इसका बेहद नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है जैसे पुलिस स्टेशन , आज लोग कितना भी बड़ा मामला हो थाना जाने से डरते हैं क्यों कि थाने में कार्यवाही कम वसूली ज्यादा होती है जो परम् सत्य है । गुनहगार को बेगुनाह और बेगुनाह को गुनहगार बनाना उनके लिए मानो एक खेल हो , आप जितने बड़े दोषी हैं नोटों की गिनती उतनी बढ़ानी पड़ेगी और इस गंदे खेल में आर्थिक रूप से कमजोर लोग पीस जाते हैं जिनके लिए फिर ये मायने नहीं रखती की वो एक स्वतंत्र राष्ट्र में है या गुलाम, और सत्य भी है कि आज भी भारत ऐसे करप्ट लोगों का गुलाम बना हुआ है।

बात अगर करप्शन के निष्कर्ष की करें तो फिलहाल इसके कानून को सख्त रूप से संशोधित करने की आवश्यकता है ठीक उसी तुलनात्मक रूप से जिस तरह से ड्राइविंग लाइशेंष वगैरह हेतु नियम को बिल्कुल कड़ा बनाया गया , और न सिर्फ नियम बनाया जाए बल्कि इसके लिए भी कम से कम जिला स्तर पर एक आत्मनिर्भर कमिटी गठित की जाए जो इस पर निरंतर काम करती रहे।


जन स्वभाव- 


एक महान भारत की संरचना हेतु ये अति आवश्यक है कि यहाँ के लोगों के स्वभाव में सकारात्मक परिवर्तन हो , आप मेरा तातपर्य छोटी छोटी चीजों को देख समझ सकते हैं जैसे- 

- अजनबियों के प्रति सहानुभूति एवं मदद की भावना की कमी।

- नियमों का उलंघन में बेतहाशा वृद्धि।

- अपने कार्य विशेष कर सरकारी हो तो उचित पूर्वक न करना।

- समाज के हित की चिंता छोड़ स्वार्थ भाव से हर एक कार्य करना।

- अपने अंदर जलन की भावना रखना।

ये आचरण आम है जो लगभग हर भारतीय के अंदर मौजूद होती है जिसे हटा पाना बेहद मुश्किल काम है। लेकिन वैज्ञानिक रूप से ये प्रमाणित है कि माहौल के अनुसार लोगों की मानसिकता बदल जाती है , जैसे कि किसी स्टेशन में आत्महत्या की घटना काफी अधिक होती थी तो रेलवे प्रबंधक के वहाँ लगे सभी बल्ब को नीले रोशनी में तब्दील कर दिया और अविश्वसनीय रूप से वहाँ आत्महत्या काफी कम गई।

कारण था कि नीला रंग या रोशनी मस्तिष्क को शांत कर सकारात्मकता की ओर ले जाती है इस कारण ऐसा हुआ और शायद यही वजह है कि अधिकतर पब में नीला रोशनी ही दिखाई पढ़ता है।

मेरा तातपर्य है कि सरकार को एक पहल कर हर एक कार्यालय की दशा को परिवर्तित करनी होगी, राष्ट्र में एक कैम्पेन की भी आवश्यकता पड़ेगी ताकि लोगों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।


रोजगार / Employment- 

केंद्रीकरण, बेरोजगारी का सबसे बड़ा वजह केंद्रीकरण है । आज से पाँच वर्ष पूर्व Telecom sector में कई कम्पनियां मौजूद थी लेकिन आज के समय में जियो ही मुख्य रूप से मार्केट में रूल कर रही है इसके अलावा सभी कम्पनियां का ह्वास हो चुका है।

अगर केंद्र सरकार चाहती तो आसानी से सभी कम्पनियों को बचा सकती थी लेकिन उसने स्वार्थ वस ऐसा नहीं किया।



खबर के अनुसार अब 2014-2018 तक केवल टेलीकॉम सेक्टर में 75000 से ढ़ील लोगों का रोजगार चला गया है जिसका जिम्मेदार केंद्र सरकार है।

आपको खबर होगी कि केंद्र सरकार ने करीबन 3 लाख 16 हज़ार 500 करोड़ रुपये की कर्ज माफी रिलायंस का किया है जो पहले से ही मार्केट पर कब्जा कर के बैठा है

अगर यही पैसा डुब रहे कम्पनियों पर लगाई जाती तो स्थिति ऐसा नहीं होता या फिर यही पैसा अगर BSNL पर लगाई जाती तो आज BSNL बादशाह होता जिसे बकरी बना दिया गया है।

कुल मिलाकर रोजगार के लिए सरकार को निजी स्वार्थ छोड़ राष्ट्र हित में सोचना होगा तब ही कुछ बेहतर हो सकता है।


ऊपर लिखित तीन बिंदुओं पर सरकार एवं आम जनता काम करे तो निश्चित ही एक Great india का निर्माण होगा।


How to build great India in Hindi.

 




How to build a great India in Hindi - हिंदी में How to build a great India in Hindi - हिंदी में Reviewed by Story teller on जनवरी 19, 2022 Rating: 5
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