अगर आप फेल हो जाते हैं तो उसके बावजूद भी कोशिश करना ना छोड़ें
जी हाँ यही मूलमंत्र थी मिसाइल मैन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी की।
1931 में रामेश्वरम में जन्मे कलाम की स्थिति ऐसी भी नहीं थी की वो सकुशलता पूर्वक इंटर तक की भी पढ़ाई कर सकें लेकिन उनकी सफलता की दास्तां से आज पूरी दुनियाँ वाकिफ है। 1977 में मिसाइल निर्माण में उनकी अहम योगदान को भारत के पड़ोसी देश कभी नहीं भूलेंगे और ऐसे ही कई सफलताओं से गुजरते हुए उन्होंने भारत का उच्चतम पद भी ग्रहण किया और राष्ट्रपति बने।
The wings of the fire में उनके जीवन को काफी सलीके से उकेरा गया है , बचपन में स्कूल से आते ही वो पिताजी का हाथ बटाने चले जाते थे,घर की जिम्मेदारियों और परिस्थिति ने उन्हें विचलित तो किया लेकिन वो कभी धराशाई नहीं हुए और निरंतर अपने लक्ष्य को प्राप्त करते चले गए। शुरुवाती जीवन में IAF के पायलट बनने की चाह रखने वाले कलाम सीटों की थोड़ी कमी के कारण वो अपने सपने पूरे नहीं कर पाए थे, शायद उन्हें हर भारितयों का अनदेखा सपना पूरा करना था ।
उस कलाम के दौर में पाकिस्तान ने भरपूर कोशिश की उन्हें देश यानी पाकिस्तान ले जाने की, इसके लिए पाकिस्तान ने कई ऑफर्स दिए जो कि कलाम के बच्चे तक आराम से राजानुमा जीवन बिता सकते थे,लेकिन कलाम ने आजीवन विवाह ही नहीं करना उचित समझे। जब पाकिस्तान पैसों से कलाम को खरीद नहीं पाया तो वो धर्म की कसमें देने लगा लेकिन कलाम देश के प्रति अटल एवं स्वाभिमानी पुरुष थे उन्हें सही और गलत की इतनी जबरजस्त पकड़ थी कि वो अपने मार्ग से कभी हिले नहीं।
आज हम जाती ,धर्म में ना जाने कितना संलिप्त हो चुके हैं, अपने युवावस्था में कलाम के परम् मित्र हिन्दू युवा भी हुआ करते थे जिनके साथ वो रामेश्वरम स्थित प्रसिद्ध मंदिर में पंचकर्मा करने जाया करते थे तब उनलोगों में एकदूसरे के प्रति या उनके धर्म के प्रति किसी तरह की कोई द्वेष नहीं थी। आज हमें कलाम के आदर्शों को सिर्फ विज्ञान तक समेटे नहीं रखना है बल्कि नैतिकता में भी इसे उतारना है और अगर ऐसा हम कर सकें तो हमारे भविष्य का हर एक बच्चा भले ही कलाम ना बन सके पर इंसान जरूर बन जाएगा।
उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ-
1- रोहिनी आर एस 1 को 1980 में सफलता पूर्वक लॉन्च करने वाले समूह के निर्देशक रहे।
2- रोहिनी RS D1 और D2 को लॉन्च किया।
3- PSLV पर काफी समय से अन्य साइंटिस्ट्स के साथ काम कर रहे थे जिसने 2014 तक 71 सेटेलाइट्स को लॉन्च किया।
4-1992-1999 के दौरान DRDO के प्रमुख सेक्रेटरी रहे।
5-1982-2008 के दौरान कलाम IGDMP के रिप्रेजेंटेटिव रहे जिसने पृथ्वी , आकाश, त्रिशूल जैसे मिसाइल को डेवेलोप किया।
6- 1997 में उन्हें भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भारत रत्न का अवार्ड मिला।
7- 2002 में वो राष्ट्रपति बने और 2007 तक रहे , ज्ञात हो की समाजवादी पाट्री और कांग्रेस ने कलाम के समर्थन में अपने कैंडिडेट को चुनाव नहीं लड़वाया।
कई चुनौतियों से लड़ कलाम ने एक सुनहरा इतिहास रचा है जिसे कोई कभी नहीं भूल सकता। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम सबों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।