वो आज करीब थी, यूँ हीं !! जिसके करीब रहने के लिए न जाने अजय ने क्या नहीं किया और क्या नहीं कहा , लेकिन तब हर एक लम्हां ने अजय से सब छीनना जारी रखा , शिलशिला खोने का बढ़ता गया और एक तपती दोपहरी में अजय से उसकी इश्क़ ही छीन चुकी थी।
अक्सर लोग हंस कर टाल देते हैं बदहाली इश्क़ करने वालों की और ठीक भी है क्यों कि जज्बात उसने नहीं समझा जिससे जुड़े सारे जज्बात थे फिर ये काफ़िर दुनियां क्या समझेगी हाल ये दिल ।
इस गुजरे दौर के वर्षों गुजर चुके थे , फर्श में शिशकता बैठा अजय आज अर्श के करीब था। बस कल तक जिसे मुकम्मल जीवन समझता था वो अब मुकम्मल नहीं लगता, पैसे , पावर इनकी ताल्लुकात खुशियों से खासा नहीं है , सब मिलने के बाद जो छूट जाती है अक्सर दिल , दिमाग उस ओर खींचता चला जाता है लेकिन सब पाना मुमकिन कहाँ है और सब पाने की ख्वाइश रखना भी मुनासिब कहाँ है ?
उपलब्धियों के साथ अब अजय की पुरानी मोहब्बत भी करीब थी, लेकिन बस करीब , इस करीबी से कोई करीबियां नहीं थी और नाहीं कोई उम्मीद थी, उम्मीद एक होने की नहीं थी, दोबारा गले लगने की उम्मीद न थी... लेकिन ख्वाइश थी गले लगाने की घण्टों गले लगाए रखने की , हर उस दर्द को बता देने की जिससे वो गुजरा था उसके बगैर , हर उस लम्हें को बयां करना चाहता था कि कैसे मानो जां जा रही थी उसके जाने के साथ , बता देना चाहता था कि कौन थी वो जीवन में उसके...।
कौन है वो जीवन में अब इसके... अजय उमड़ते भावनाओं के बीच सोच पड़ा, जिससे मोहब्बत थी वो तो कोई और थी, अब ये तो वो है जो इसके हर आंसुओं को अनदेखा कर चली गई थी, इसके हर जज्बात को कुचल चली गई थी बिल्कुल शून्य पर छोड़ । और जो फर्श पर हाथ छुड़ा चला जाये उसे बिल्कुल हक़ नहीं कि अर्श में हमसफ़र बने।
कई बार मन हुआ अजय को की बात तो किया ही जा सकता है बकायदा उसने किया भी लेकिन ये ईगो ने उसे इजाजत नहीं दी आगे बढ़ने की , उसकी उंगलियां हर एक मैसेज लिखने से पहले कतरा रहे थे , आज दिल की ख्वाइशों पर दिमाग हावी हो रहा था और उसे लगा कि नहीं... जिस आत्मसम्मान की दहलीज को लांघा जा चुका है अब दोबारा वापस आने देने की इजाजत देना खुद से अन्याय करना है और अब वैसे भी वो पुराने जज्बात नहीं रहे , कहते हैं न कि वक़्त हर जख्म को भर देता है, सो भर चुका है।
तकलीफ होना जायज है , दूर जाने का दर्द , बिछड़ने का दर्द जायज है लेकिन एक लंबे अर्शे तक उस दर्द में रहना नाज़ायज है। वो मेरे लिए सब कुछ है कि भ्रम से निकल ये सच जानना और मानना जरूरी है कि प्रेमी या प्रेमिका जीवन में महज एक माया है जिसके विलुप्त होने से बस तकलीफें होती है इसलिए बेहतर है कि वक़्त से पहले इस माया को इतना तो समझ लेना चाहिए कि ये महज कुछ वक्त के लिए है, बस इतना सा मान लेने से तकलीफें कई कम हो जाएंगी।
Love is nothing but illusion, दास्तां गुजरे कल के हिंदी में
Reviewed by Story teller
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फ़रवरी 02, 2022
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