India-China news, Expansion policy is threat for the world हिंदी में

ऐसी वक़्त जब समस्त विश्व को इस Covid 19 महामारी को रोकने हेतु समन्वय एवं सहभागिता दिखाने की आवश्यकता है, लेकिन अफसोस जनक रूप से विश्व की दो बड़ी शक्तियां एवं बड़ी अर्थव्यवस्था आपस में उलझी हुई है। अभी हाल ही में भारत एवं चीन के रक्षामंत्रियों के बीच सीमा विवाद की इस चल रही विवाद को सुलझाने हेतु वार्तालाप हुई लेकिन लगता नहीं है कि इन वार्तालाप का कोई भी साकारात्मक परिणाम पड़ा है, बल्कि वार्तालाप के दौरान दोनों देशों के रक्षामंत्री एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे , दोनों देश बेषक अपने अनुसार सही होंगे लेकिन इस मुद्दे को सुलझाने के लिए किसी एक अथवा दोनों को स्टेप बैक करना होगा जिसके लिए कोई तैयार नहीं है,और चीन ने अपने इतिहास में कई दफा विदेशी जमीनों पर कब्जा भी किया है जो मानवता और सम्प्रभुता के दृष्टिकोण से बेहद गलत है चाहे वो कब्जा लद्दाख में हो या समस्त तिब्बत पर। इस मीटिंग में भारत ने आसा जताई कि सिमा विवाद वार्तालाप से ही सुलझाया जा सकता है, चीन ने भी इस बात का समर्थन किया लेकिन पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ।

 प्रमुख विवादित स्थल - 

 ◆ पेंगोंग ह्वसो झील
 ◆ गलवान घाटी ◆ तवांग क्षेत्र विवाद
 ◆ डोकलाम विवाद
 ◆ बरोहति क्षेत्र विवाद

 भरोषे में कमी दोनों देशों के बीच अब विवाद का मुद्दा है और इसका जिम्मेदार पूरी तरह से China है क्यों 1962 में China ने ही भारत की भूमि लद्दाख पर कब्जा किया था, और इस कारण अब China की जिम्मेदारी बनती है कि जिस विश्वास को उसने तोड़ा है उसकी भरपाई कर उसे ठीक करे।
ये समस्या तब तक खत्म नहीं हो सकती जब तक China की विस्तारवादी नीति खत्म नहीं होती है , क्यों कि आये दिन भारत सही अन्य देशों के साथ इसके कई एग्रीमेंट्स बनते हैं लेकिन China उन एग्रीमेंट्स को जमीनी स्तर पर तवज्जो नहीं देता। अभी हाल में Russia की राजधानी Moscow में China और India के बीच समझौता हुआ लेकिन फिर से china अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। China के साथ इन्हीं विवाद के कारण India के मित्र देश Russia द्वारा आयोजित Kavkaz military exercise में शामिल होने से मना कर दिया, अब कोई देश वैसे देश के साथ तो कोई exercise नहीं करना चाहेगा जो निरंतर सीमा पर घुसपैठ की कोशस कर रहा हो और India ने भी China के इन्हीं हरकतों के कारण इस Military exercise भाग लेना उचित नहीं समझा।


अब India और China को क्या कदम उठानी चाहिए? 

  • दोनों देशों को सिमा पर शांति कायम रखने हेतु राजनायिक की सहायता लेनी चाहिए।
  •   China को अपना विस्तारवादी रवैया को छोड़कर अन्य देशों के सम्प्रभुता का सम्मान करना होगा ताकि आगे और विवाद न बढ़ें। 
  •  India और China को विवादित जमीन से हटना होगा जब तक कि इसका कोई ठोस परिणाम न निकल आए, हालांकि भारत के लिए अपनी जमीन से पीछे हटने काफी मुश्किल होगा लेकिन विवाद को खत्म करने के लिए ये करना पड़ेगा। 
  •  China को भारत के हिस्सों पर अपना बेबुनियादी दावा छोड़ना होगा वरना भारत के साथ उसके रिश्ते हमेशा खराब ही रहेंगे। अभी शंघाई सहयोग संगठन में भारत की ओर से भी मंत्रीगण जा रहे हैं, अब आगे देखने वाली बात है कि इसका परिणाम क्या आता है।


China के अन्य मुख्य विवाद- 
  • South China sea
  • Tibbat कब्जा का विवाद
  • Bhutan के wildlife sanctuary का विवाद
  • Hongkong विवाद
  • Taiwan के Paracel Island समेत ढेरों विवाद
  • Philippines के Spratly islands समेत कई विवाद
  • Indonesia के Natuna islands पर विवाद
  • Vietnam के Parcel islands पर China का विवाद
South korea,North korea,Japan समेत लगभग सारे पड़ोसी देशों के साथ China का विवाद निरंतर चला आ रहा है उसकी विस्तारवादी नीति के कारण। China महज India के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक समस्या है।
India-China news, Expansion policy is threat for the world हिंदी में India-China news, Expansion policy is threat for the world हिंदी में Reviewed by Story teller on सितंबर 08, 2020 Rating: 5
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