यूपीएससी 2020 की रिजल्ट आ गई, क्या इसकी पक्षपातों से फिर धूमिल हुई हिंदी माध्यम?
लंबे इंतिजार के बाद आखिर UPSC ने सिविल सर्विस की रिजल्ट जारी की , कुल 927 पद के लिए चयन हुई।
लेकिन इस चयन की प्रक्रिया में हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए दुख की खबर है कि मेरे इस आर्टिकल लिखने तक 927 में से हिंदी माध्यम की महज 1 चयन की जानकारी है और वो हैं रवि कुमार सिहाग जिनकी इस बार रैंक आई है 317 और अगर आपको याद नहीं तो बता दूँ की पिछली बार इन्होंने 337 रैंक लाया था।
अब सोचने वाली बात है कि क्या हिंदी माध्यम में इस वर्ष एक भी विद्यार्थी नहीं थे जो IAS या IPS बनने योग्य हो या फिर UPSC चाहती ही नहीं कि हिंदी माध्यम के विद्यार्थी एक उच्च अधिकारी बने क्यों निरंतर जिस प्रकार CSET आने के बाद 2011 से हिंदी माध्यम के परिणाम खराब होते जा रहे हैं इस बात से यही संकेत मिलते हैं।
सूत्रों के अनुसार दृष्टि करीबन 5000 विद्यार्थी को स्पेशल ट्रेन करवा रही थी इस प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए लेकिन अफसोस कि दृष्टि से अब तक कि खबर के अनुसार एक भी चयन नहीं हुई है। जानकारी में ये भी आई है कि हिंदी माध्यम से करीबन 50 विद्यार्थी ने मेंस की परीक्षा दी थी इस बार जिसमें अब तक कि जानकारी की अनुसार महज एक चयन हुई है, वो भी पुराने वर्ष के पास कर चुके विधार्थी की।
पिछली बार रवि कुमार सिहाग ने बताया था कि यूपीएससी की फाइनल इंटरव्यू में अंग्रेजी बोलने के लिए काफी दबाव बनाया जाता है और परिणामतः इस बार रवि ने अपनी इंटरव्यू को अंग्रेजी में ही दिए थे लेकिन रिजल्ट में कोई खासा सुधार नहीं आई , अगर आप रवि कुमार सिहाग की कॉपी देखेंगे और टॉपर्स की कॉपी से तुलना करेंगे तो पाएंगे कि ये टॉप 10 में जगह लेने के हकदार हैं, लेकिन आज ये 317 में है और कहीं न कहीं इसके पीछे हिंदी के प्रति सौतेला व्यवहार ही जान पड़ता है, हालांकि न ही यूपीएससी इस बात को स्वीकार करती है और न ही सरकार इस बारे में कोई निर्णय लेती है।
हिंदी माध्यम के प्रति लापरवाही तो तब जान पड़ी जब प्रश्न पत्र में Steel plant को इस्पात का पौधा लिख दिया गया था ,मतलब सोचिये की देश के सर्वोच्च परीक्षा पत्र को लिखने के लिए पूरी तरह से गूगल ट्रांसलेटर पर निर्भर है यूपीएससी अब इससे अधिक क्या कहना।
अगर हिंदी के साथ ऐसी व्यवहार ही करना है तो हिंदी की डिंग हांकना बन्द कर देनी चाहिए और विधार्थियों को सच से वाकिफ करानी चाहिए ताकि वो उचित निर्णय ले पाएं।
खैर जो भी हो , हमारी सिस्टम हिंदी के उस सौतेले भाई की तरह व्यवहार कर रही है जो सामने से तारीफ और पीठ के पीछे छुरा घोपति है।
कुल पद - 927
आईएएस - 180
आईपीएस - करीबन 150
आईएफएस - 24
अन्य ग्रुप A - 438
अन्य ग्रुप B - 135
प्रथम टॉपर - रंजीत सिंह
रिजल्ट देखने के लिए इसे क्लिक करें-
UPSC result 2020, हिंदी माध्यम से केवल एक चयन?
Reviewed by Hindiyans
on
अगस्त 04, 2020
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