Indian politicians के श्रेणी में काफी कम ऐसे नेता हैं जो एक सच्चे नेता की भूमिका निभा रहे हैं , और समय की चक्र ऐसे महान नेताओं को अपनी काल में समेटता जा रहा है।
ऐसे ही महान नेताओं में आज हमारे पूर्व राष्ट्रपति एवं पूर्व वित्त मंत्री श्री Pranab mukherjee आज यानी 31 अगस्त 2020 को नहीं रहे। वैसे तो राजनैतिक दलों में एक दूसरे पर कीचड़ उछालने की कोशिश आम बात है लेकिन कुछ ऐसे व्यक्तित्व होते हैं जिनपर उनके विरोधी भी कीचड़ उछालने के बजाय उनका सम्मान करते हैं , और उनमें से ही एक थे Pravnab mukherjee.
आइए उनके जीवन की हम आपको एक सैर करवाते हैं-
जन्म -
Pranab mukherjee की जन्म 11 दिसम्बर 1935 को British India में हुई थी। उनके गांव का नाम Miratee है जो अभी West Bengal राज्य के Birbhum जिले में आती है।
Pranab mukherjee के पिता kamada kinkar mukherjee बंगाल में 1952 - 1964 के बीच Indian national Congress की ओर से लेजिस्लेटिव कॉउन्सिल के सदस्य और इसके पूर्व वो भारत की स्वतंत्रता कार्यक्रम में भाग लेने वाले एक अहम व्यक्तित्व भी थे। Pranab mukherjee की माता का नाम राज लक्ष्मी मुखर्जी थी।
इन्होंने Surva mukherjee से 1957 में विवाह किए और इनके पुत्र Abhijit mukherjee MP और MLA दोनों रहे हैं।
Education of Pranab mukherjee-
1- Suri vidyasagar college, Suri से कॉलेज की पढ़ाई
2- university of calcutta से MA और LLB की डिग्री प्राप्त किये।
3- कोलकाता में Upper division clerk के रूप में काम किये
4- 1963 में कोलकाता स्थित विद्यानगर कॉलेज के professor बने।
Political career of Pranab mukh erjee -
वैसे इनके लिए राजनीतिक में आना कोई बड़ी चुनौती नहीं रही क्यों इनके पिता स्वयं एक उच्च कद के नेता रह चुके थे फिर भी कहा जाता है कि मिदनापुर बाई इलेक्शन में एक निर्दलीय V.K Krishna menon के लिए ये चुनाव प्रचार कर रहे थे उसी वक़्त उस समय Indira gandhi की नजर इनपर पड़ी और इन्हें पार्टी में सम्मिलित कर लिया गया ।
और उसी वर्ष यानी 1969 में ये प्रथम बार राज्य सभा के सदस्य बने। और उसके बाद से लगभग निरन्तर वो 1975,1981,1993,1999 में राज्य सभा के लिए चयनित होते चले गए।
- Deputy minister of industrial development- 1973
- Finance minister 1982
- 1979 में राज्य सभा में INC की ओर से इन्हें Deputy leader बनाया गया।
- 1980 में राज्य सभा में INC की ओर से इन्हें Leader बनाया गया।
- 1995 में इन्हें नरसिम्हा राव ने योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया
राष्ट्रपति पद - श्री मुखर्जी 2012 में राष्ट्रपति पद के लिए चयनित हुए ।
उस वक़्त उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि
मैं उनलोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ जो प्रतीक्षा कर रहे हैं , संख्या 7 लाख पार कर चुकी है , मात्र एक राज्य की रिजल्ट आना बाकी है। अंतिम रिजल्ट रिटर्निंग ऑफिसर देंगे। मैं भारत के जनता का आभार व्यक्त करता हूँ इस उच्च कार्यालय में जगह देने के लिए। लोगों का उत्साह याद करने योग्य है । मैंने इस देश की जनता को,इस पार्लियामेंट को जितना दिया है उससे कहीं अधिक इन्होंने मुझे दिया। अब मुझे इस देश की संविधान को रक्षा करने का कर्तव्य सौंपा गया है जिसे पूरी निष्ठा से करूँगा।
Pranab mukherjee के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
1. उन्हें Indira gandhi के काफी भरोसेमंद माना जाता था।
2. 1975-77 की Emergency के दौरान Special power का उपयोग करने के लिए इनपर जनता दल के द्वारा दोषारोपण किया गया था।
3. IMF की आखिरी लोन इन्होंने आपने कार्यकाल में भर काफी सुर्खियां पाइ थी ।
4. इन्होंने अपने Finance minister के कार्यकाल में ही Manmohan singh को RBI का Governer बनाया था।
5. तब उनके opposition के नेता शरद यादव ने कहा था कि देश को आज एक बेहतर राष्ट्रपति मीले हैं।
Indian national Congress से उनकी मनमुटाव -
कहा जाता है कि Indira gandhi के पुत्र राजीव गांधी से भी अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे Pranab mukh erjee और इसी कारण Indira gandhi के द्वारा Pranav को केंद्रीय गतिविधियों से हटा वेस्ट बंगाल की क्षेत्रीय पार्टी को संभालने का जिम्मा सौंप दिया गया।
उसके बाद 1986 में प्रणव मुखर्जी ने अपनी पार्टी की स्थापना की RSC के नाम से और यही पार्टी 1987 के असेंबली पोल में बेहद खतरनाक तरीके से प्रदर्शन किया , आखिर INC और RSC ने एलाइ कर लिया।
सम्मान-
1. पद्मविभूषण - 2008 (भारतीय जनता की मिलने वाली द्वित्य सर्वोच्च सम्मान)
2. भारत रत्न - 2019 (भारतीय जनता को मिलने वाली सर्वोच्च सम्मानित पद)
3. बांग्लादेश आज़ादी हेतु युद्ध के लिए सम्मान (2013 में बांग्लादेश के द्वारा)
ऐसे अन्य कई अवार्ड हैं जो इन्हें भारत समेत कई देशों से प्राप्त है।
List of some books written by Pranab mukherjee.
- Beyond survival: Emerging Dimensions of Indian economy 1984
- Midterm poll
- Off the track 1987
- Saga of struggle and sacrifice 1992
- Challenge before the nation 1992
हमारे प्रधानमंत्री Narendra modi ने अपने एक भाषण में कहा था कि प्रणव मुखर्जी उनसे कहा करते थे कि "काम के साथ थोड़ा आराम कर लिया करो,वरना तबियत खराब हो जाएगी"
कल्पना करिए कि अपने पार्टी के प्रबल विरोधी नेता को इतनी अपनापन वाली सलाह देना क्या आम बात है ?
हम नमन करते हैं उन्हें , देश को अपना अहम योगदान देने के साथ सर्वोच्च संवैधानिक पद में होने के बावजूद अपनी गरिमा और मानवता बनाये रखने के लिए।
Life journey of former president of India Pranab mukherjee - Hindi me
Reviewed by Story teller
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अगस्त 31, 2020
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