खाना का खर्च -
सुबह का नाश्ता - 300
दोपहर का भोजन - 580
रात का भोजन -580
पेयजल का खर्च - 380
चाय एवं नास्ता - 260
साफ सफाई में कुल खर्च -
क्लीनर का खर्च - 150
वार्ड बॉय - 150
सेनिटाइजर - 270
ट्रिपल लेयर मास्क - 50
हाइपोक्लोराइट- 550
कपड़ों की सफाई एवं अन्य-
बेड सीट - 340
वार्ड बॉय - 162
सुरक्षा हेतु - 666
स्प्रे मशीन - 364
PPE Kit - 265
स्टाफ भोजन - 255
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प्रतिदिन कुल - 5222
अब सोचिये जहाँ की सरकार ऐसी सुविधा मुहैया कराएगी वहाँ के लोगों को कोरोना से कैसा डर, वैसे राजीव गाँधी एक बार बोले थे कि सरकार जनता के लिए अगर 1 रुपया अनुमोदित करती है तो उस तक केवल 17 पैसा पहुँच पाता है, अब मैं ऐसा नहीं बोल रहा कि MP के कोरोना मरीज के पास 5222 में से 1222 की सुविधा मिल रही होगी इसकी गारन्टी खुद वहाँ की सरकार भी नहीं लेगी।
खैर राजस्थान सरकार कुल 2440 रुपये अपने प्रति मरीज पर प्रतिदिन खर्च कर रही है, अब मध्य प्रदेश और राजस्थान की व्यवस्था की अंतर को मरीज और प्रबंधन अच्छे से समझते होंगे।
अभी हाल ही में हिंदुस्तान ने उत्तराखंड की एक अस्पताल में पड़ताल की तो ज्ञात हुआ कि वहाँ की चाय की कीमत 50 रुपये , जूस की कीमत 200 रुपये , जब से मरीज आए हैं तब से उन्हें ना ही डॉक्टर भेंट करने आये हैं और ना ही कोई दवा दी जा रही है।
अब सवाल ये है कि वहाँ के अधिकारी और सरकार क्या कर रहे हैं , क्या वहाँ की जनता के प्रति उनकी कोई उत्तरदायित्व है या नहीं है?
हम कैसे इस व्यवस्था में उम्मीद करेंगे कि कोरोना कभी खत्म होने वाली है? शुरूआती दौर में भारत में मरीजों की संख्या न्यूनतम थी लेकिन आज ये शिर्ष देशों में शामिल है इटली जैसे देश जो कि पूरी तरह से ग्रसित हो चुका था अब उबरने लगा है लेकिन भारत मानो कोरोना को अतिथि देवो भवः मान उसका खूब आदर सम्मान कर रहा है और उसे बढ़ने में पूरी मदद कर रहा है।
सबसे अधिक अगर किसी ने लोकडाउन झेला है तो वो है भारत, लेकिन इसके बावजूद मानो कोई फर्क ही नहीं पड़ा।
ना ही हॉस्पिटल की व्यवस्था यहाँ पूरी तरह दुरुस्त है और न ही कई अधिकारीयों की मनोवृत्ति।
भारत ने पहले जिस तरह से छोटा चेचक वगैरह को हैंडल किया था उससे पूरी दुनियां कहीं न कहीं आस टिकाये बैठी थी और इस बात को एक अमेरिकी अधिकारी ने बयान भी दिया था ,लेकिन फिलहाल की स्थिति उल्टी मालूम पड़ रही है , भारत स्वयं कोरोना के चुंगल में निरंतर फँसता चला जा रहा है।
फिर भी हम उम्मीद करते हैं कि तमाम समस्याओं , असफलताओं के बावजूद एक ऐसा सूरज का उदय होगा जो भारत को कोरोना मुक्त देखेगा।
और भी हमारी ओर से उन कोरोना वारियर्स को प्रणाम है जो निरंतर घण्टों PPE Kit पहन अपने काम में लगे हुए हैं वो भी अपनी जान की परवाह किये बगैर।
MP Quarantine center me ek din ki kharch 5222 rupye?
Reviewed by Story teller
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जुलाई 29, 2020
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