कोरोना को हममें से कई लोग काफी हल्के में ले रहे हैं, लेकिन अगर वास्तविकता और जो लोग इससे पीड़ित रहे हैं उनकी दुखद यात्रा को पढ़ें तो हमें पता चलेगा की ये कितनी खतरनाक बीमारी है,आप अंदाजा लगा सकते हैं 15-20 दिन में ये बीमारी किसी स्वास्थ्य इंसान की भी जान ले सकता है।
एक पीड़ित के अनुसार उन्हें पहले जोरदार बुखार महसूस हुई फिर चेक करवाने पर उसके सम्पूर्ण परिवार को कोरोना पॉजिटिव पाया गया और दुखद पूर्वक इसमें उनका छोटा बेटा शामिल था, मेडिकल टीम ने उन्हें होस्पिलाइज होने को कहा लेकिन उन्हें हॉस्पिटल जाने से ऐतराज था क्यों की वहाँ की स्थिति और भी खराब होती है , फिर उन्होंने होम क्वारंटाइन का सर्टिफिकेट बनवा खुद को अपने घर में आइसोलेट किया ,इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अलग कमरा एवं अलग सौचालय जरूरी है।
7-8 दिनों बाद उन्हें साँस लेने में तकलीफ होने लगी , उन्होंने मुहैया कराए गए नम्बर पर सम्पर्क किया तो उन्होंने हॉस्पिटल में भर्ती होने की सलाह दी लेकिन पीड़ित ने अभी टाल दिया, फिर हॉस्पिटल से साँस चेक करते रहने को कहा गया एवं इसके लिए एक मशीन मुहैया कराया गया , बताया गया की अगर साँस की लेवल 95 से कम हो जाए तो रिस्क लिए बगैर हॉस्पिटल में भर्ती हो जाना है। पेशेंट ने भी इसे सही माना और होस्पिटल की निर्देशों का पालन करते रहे-
हॉस्पिटल के अनुसार इसकी कोई दवाई तो है नहीं। बुखार हुआ तो बुखार कि दवाई । खाँसी में इसकी दवाई । उसके अलावा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए निम्न विशेष चीजों का प्रयोग-
1- विटामिन सी की टैबलेट डेली दो बार।
2- मल्टीविटामिन प्रतिदिन एक बार।
3- काढ़ा प्रतिदिन तीन बार।
4-विटामिन डी यानी धूप का सेवन करते रहें।
5- हमेशा तेज गरम पानी का उपयोग
6- फल और सब्जियों की जितना ज्यादा हो सके सेवन।
7- हमेशा ताज़ा और पौष्टिक भोजन का सेवन।
8-सासो की रेगुलर व्यायाम (अनुलोम विलोम, कपालभारती इत्यादि)
9- जल्दी सोना और पूरी नींद लेना ये बहुत महत्वपूर्ण है।
10- सांस लेने में दिककत हो तो अच्छे से भाप लेना।
11- और सीने पर अच्छे से विक्स लगाना।
12- एसी का प्रयोग में सख्त मनाही।
उन कोरोना पीड़ित के अनुसार शारीरिक कष्ट के साथ मानसिक दबाव ज्यादा हावी रहती है जो की शारीरिक परेशानी को और बढ़ा देती है।
हालांकि लगभग 18 दिन बाद वो स्वास्थ्य हो गए लेकिन शारीरिक दर्द अभी भी खत्म नहीं हुई है जबकि कोरोना ठीक होने को लगभग 15 दिन बीत गए।
इसलिए आप सब कोरोना को बिल्कुल भी नेगलेट ना करें एवं खुद को सुरक्षित रखें। क्यों की कहावत है ना "हैल्थ इज वैल्थ" अर्थात आपकी स्वास्थ्य ही आपकी सम्पत्ति है।